World news साभार : –
दिल्ली – ( द एंड टाइम्स न्यूज )
पिछले साल सात अक्तूबर को हमास के हमले के बाद इसराइल ने जो जंग शुरू की थी, वो अभी ख़त्म भी नहीं हुई है और सीरिया में एक और युद्ध शुरू हो गया है.
पिछले कुछ दिनों से सीरिया में जो कुछ भी हो रहा है, वो इस बात के सबूत हैं कि मध्य-पूर्व में युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है.2011 से सीरिया में एक दशक के युद्ध के बाद भी राष्ट्रपति बशर अल-असद का शासन कायम रहा था क्योंकि उन्होंने इसकी तैयारी की थी और अपने पिता से बहुत कुछ सीखा था.बशर अल-असद को अपनी सत्ता बचाने में कामयाबी इसलिए भी मिली थी क्योंकि उन्हें ताक़तवर सहयोगी ईरान, रूस और लेबनानी हिज़्बुल्लाह से मदद मिली थी.
इन सहयोगियों ने सीरिया में विद्रोही समूहों के ख़िलाफ़ बशर अल-असद की मदद की थी. सीरिया में विद्रोही समूह जिहादी अतिवादी इस्लामिक स्टेट से लेकर कई अन्य हथियारबंद समूह थे, जिन्हें अमेरिका और खाड़ी के अमीर शाही सरकारों से मदद मिल रही थी.अभी इसराइल से तनातनी के कारण ईरान की हालत कमज़ोर है. ज़ाहिर है कि इसराइल के साथ अमेरिका भी खड़ा है. ईरान का सहयोगी हिज़्बुल्लाह भी बशर अल-असद को बचाने के लिए अपने लड़ाकों को भेजता था लेकिन इसराइली हमले में हिज़्बुल्लाह भी ताक़त खो चुका है.रूस ने पिछले कुछ दिनों में बशर अल-असद के समर्थन में सीरिया में विद्रोही गुटों के ख़िलाफ़ हवाई हमला किया है लेकिन रूस की भी यूक्रेन से जंग के कारण सैन्य क्षमता पहले की तरह नहीं है. 2011 के बाद विद्रोही गुटों के साथ संघर्ष में सीरिया के कई शहर पूरी तरह से तबाह हो गए थे युद्ध का अंत नहीं सीरिया में युद्ध का अंत नहीं हुआ है. सीरिया में जो कुछ भी हो रहा था, वो मीडिया की सुर्खियों में नहीं था क्योंकि मध्य-पूर्व में और भी कई चीज़ें हो रही थीं, जो इन पर भारी पड़ रही थीं.एक वजह यह भी थी कि सीरिया में वहाँ तक पत्रकारों की पहुँच नहीं थी. सीरिया में उन जगहों पर युद्ध रुका हुआ था लेकिन कुछ भी अंतिम नहीं हुआ था. बशर अल-असद के पास 2011 के पहले सत्ता पर जो नियंत्रण था, उसे वह फिर से कभी हासिल नहीं कर पाए हैं.2011 अरब स्प्रिंग का साल था. सीरियाई जेलों में क़ैदी अब भी बंधकों की तरह रखे गए हैं. पिछले कुछ दिनों को छोड़ दें तो बशर अल-असद का नियंत्रण बड़े शहरों पर अब भी है. ये वो शहर हैं, जो सीरिया के चारों तरफ़ हैं और मुख्य राजमार्ग से जुड़े हुए हैं.अब विद्रोही समूहों के गठजोड़ का नेतृत्व हयात तहरीर अल-शम (एचटीसी) कर रहा है. इसका उभार इदलिब प्रांत से हुआ जो कि तुर्की से लगता है.अब यह प्रांत विद्रोही गुटों के नियंत्रण में है. एक सीनियर डिप्लोमैट ने मुझसे कहा, 27 नवंबर के बाद कुछ ही दिनों में सीरियाई सैनिकों को वहाँ से भागना पड़ा. दो दिन की लड़ाई के बाद विद्रोही समूहों ने अपने लड़ाकों की तस्वीरें पोस्ट करते हुए प्राचीन शहर एल्लपो पर नियंत्रण की घोषणा कर दी. 2012 से 2015 के बीच यहाँ सीरिया की सरकार के सैनिकों का भारी जमावड़ा था. तब यह शहर विद्रोही गुटों और सरकारी बलों के बीच बँट गया था.
सरकारी बलों के हटने के बाद ऐसा लग रहा है कि एल्लपो में शांति है. सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई एक तस्वीर में दिख रहा है कि यूनिफॉर्म में हथियारबंद विद्रोही लड़ाके एक फास्ट फूड आउटलेट पर फ्रायड चिकन के लिए लाइन में लगे हुए हैं.एटीएस की जड़ें अल-क़ायदा से जुड़ी हैं. हालांकि 2016 में यह समूह अलग हो गया था. 2016 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अलावा अमेरिका, यूरोपियन यूनियन, तुर्की और ब्रिटेन ने एचटीएस को एक आतंकवादी समूह के रूप में चिह्नित किया था.हालांकि सीरियाई सरकार सभी विद्रोही गुटों को आतंकवादी समूह कहती है.इराक़ और सीरिया में एचटीएस नेता अबू मोहम्मद अल-जवलानी की पहचान लंबे समय से एक जिहादी नेता के रूप में रही है.हालांकि हाल के वर्षों में कट्टर जिहादी विचारधारा से जवलानी दूर हुए हैं ताकि इस समूह की अपील का दायरा बढ़ सके.इस समूह की रीब्रैंडिंग की कोशिश की गई है ताकि समर्थकों को लुभाया जा सके. यह समूह जिहादी भाषा और इस्लामिक संदर्भों से परहेज़ करता है. जिहादी मीडिया विश्लेषक मीना अल-लामी कहती हैं कि इस समूह की भाषा तटस्थ है. अतीत में जिहादियों ने जो किया, उससे एचटीएस दूरी रखने की कोशिश करता है और सीरियाई सरकार के ख़िलाफ़, मिलकर लड़ने की अपील करता है. सीरिया के लोग अतिवादी धार्मिक घटनाओं से ऊब गए हैं. 2011 के बाद सीरिया में लोकतंत्र के समर्थन में शुरू हुए विरोध-प्रदर्शन को बल-पूर्वक दबा दिया गया था. इसके बाद ही विद्रोही गुटों का प्रभुत्व बढ़ा. ऐसे में ज़्यादातर सीरियाई या तो तटस्थ रहे या बेमन से सरकार के साथ हुए क्योंकि जिहादी विचारधारा वाले इस्लामिक स्टेट से डरे हुए थे.उत्तरी सीरिया में राजनीतिक विभाजन के बीच एटीएस आक्रामक हुआ था. पूर्वोत्तर सीरिया के ज़्यादातर इलाक़ों पर सीरियाई डेमोक्रेटिक फ़ोर्सेज (एसडीएफ़) का नियंत्रण था।
बशर अल-असद का क्या होगा?
एसडीएफ़ कुर्दों का समूह है और इसे अमेरिका का समर्थन हासिल था. अमेरिका के क़रीब 900 सैनिक इस इलाक़े में थे.यहाँ तुर्की बड़ा खिलाड़ी है और उसी के नियंत्रण में सीमाई इलाक़ा है. तुर्की ने यहाँ अपने सैनिकों की तैनाती की है और साथ में दूसरे समूहों को भी मदद करता है. इस्लामिक स्टेट के बचे हुए लड़ाके भी कभी-कभी सीरियाई रेगिस्तान से घात लगाकर हमले करते हैं.सीरिया से आ रही रही रिपोर्टों के मुताबिक़ विद्रोही गुटों ने अहम सैन्य आपूर्ति पर क़ब्ज़ा कर लिया है. विद्रोही गुट हामा की तरफ़ बढ़ रहे हैं और इनका अगला निशाना दमिश्क है.बेशक बशर अल-असद की सरकार और उसके सहयोगी हवाई हमले के ज़रिए जवाबी कार्रवाई की योजना पर काम कर रहे हैं.विद्रोही गुटों के पास एयर फोर्स नहीं है. हालांकि वो ड्रोन हमले कर सकते हैं और इसी का इस्तेमाल सरकार के एक ख़ुफ़िया अधिकारी को मारने के लिए किया था.सीरिया में फिर से जंग की शुरुआत दुनिया को सतर्क करने वाली है.सीरिया में संयुक्त राष्ट्र के राजदूत गेइर पेडर्सन ने एक बयान जारी कर कहा, सीरिया में जो कुछ भी हो रहा है, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के साथ वहाँ के नागरिकों के लिए ख़तरनाक है. उन्होंने कहा कि सैन्य टकराव के ज़रिए सीरिया में समस्याओं का समाधान संभव नहीं है. सीरिया का भविष्य निष्पक्ष चुनाव और एक नए संविधान में निहित है. इसका मतलब यह है कि असद और उनका परिवार सीरिया को सालों से जिस मनमानी तरीक़े से हैंडल कर रहा है, उसे रोकना होगा.सीरिया की लड़ाई में पाँच लाख से ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है.लेकिन असद सत्ता से बाहर हो जाएंगे, यह कहना जल्दबाज़ी है. सीरिया के लोग असद को जिहादियों की तुलना में अच्छा विकल्प मानते हैं. यही असद की ताक़त है. लेकिन अन्य असद विरोधी गुटों का उभार होता है तो सरकार ख़तरे में पड़ सकती है. ।
ब्यूरो रिपोर्ट
FARRUKHABAD NEWS KAIMGANJ NEWS
KAIIMGANJ NEWS तिलक समारोह में शामिल लगभग आधा सैकड़ा लोग हुए फूड प्वाइजनिंग का शिकार
KAIIMGANJ NEWS सरकारी तथा प्राइवेट अस्पतालों में इलाज जारी, खाद्य पदार्थ विक्रेताओं की शिकायत पुलिस[...]
Apr
FARRUKHABAD NEWS UTTAR PRADESH
Farrukhabad news गैस सिलेंडर लीक होने से लगी मोमोज विक्रेता की दुकान में आग
Farrukhabad news -मची अफरा तफरी के बीच आग पर काबू पा लेने से पड़ोस की[...]
Apr
FARRUKHABAD NEWS KAIMGANJ NEWS
KAIMGANJ NEWS मार्ग दुर्घटना में पाँच घायल , एक स्थिति बनी गंभीर
KAIMGANJ NEWS – तेज रफ्तार ट्रैक्टर ट्राली के खुले डाला तथा झूलती जंजीर की चपेट[...]
Apr
FARRUKHABAD NEWS KAIMGANJ NEWS
KAIMGANJ NEWS पुरानी रंजिश में दो पक्ष भिड़े दोनो ओर से कुछ लोग हुए घायल क्रास रिपोर्ट दर्ज
KAIMGANJ NEWS कायमगंज /फर्रुखाबाद थाना क्षेत्र कंपिल के गांव खेतलपुर सौरिया गांव के मजरा अनरतला[...]
Apr
FARRUKHABAD NEWS KAIMGANJ NEWS
KAIMGANJ NEWS न०पा० की बजट बैठक में अध्यक्ष के वित्तीय अधिकारों का विरोध कर उपस्थित 21 सभासदों में से 9 ने कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए किया बैठक का बहिष्कार
KAIMGANJ NEWS सभासदों का आरोप है कि बिना आम सहमति के ही बजट का किया[...]
Apr
FARRUKHABAD NEWS KAIMGANJ NEWS
KAIMGANJ NEWS चालक को बेहोश कर पिकअप गाड़ी गायब करने वाले गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर पुलिस ने मामले का लगाया पता
KAIMGANJ NEWS- दौरान गिरफ्तारी गाड़ी के कागजात तथा मोबाइल किया बरामद कायमगंज / फर्रुखाबाद जिला[...]
Apr
FARRUKHABAD NEWS KAIMGANJ NEWS
KAIMGANJ NEWS छात्रा को स्कूल से भगाया , टीसी के नाम पर पाँच सौ रुपए की अवैध बसूली का आरोप – शिकायत एसडीएम से
KAIMGANJ NEWS – शिकायत कर्ता महिला अभिभावक ने इस प्राइवेट शिक्षा संस्था के शिक्षण स्तर[...]
Apr
FARRUKHABAD NEWS UTTAR PRADESH
Farrukhabad news स्कूल के बाहर फटा सुतली बम, छात्र गंभीर रूप से घायल, अस्पताल में भर्ती
Farrukhabad news फर्रुखाबाद / उ० प्र० जिले के जहानगंज थाना क्षेत्र के गांव जाजपुर में[...]
Apr