आंगनबाड़ी केंद्रों पर जरूरत से कम मिलने वाला राशन केंद्र संचालिकाओं के लिए बना परेशानी का कारण

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कायमगंज / फर्रुखाबाद 25 नवंबर 2022

कहीं कम राशन मिलना तो कहीं राशन का वितरण ना होना और कहीं कहीं घटतौली की शिकायतें आना या फिर किया जाना अब तो एक आम बात जैसी होती जा रही है। कहां क्या अनियमितता हो रही है और इसका वास्तविक कारण क्या है ।शिकायत मिलने पर इसकी निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से जांच करते हुए यदि समस्या समाधान करने की प्रशासनिक अधिकारी इच्छाशक्ति रखें, तो सभी समस्याओं का समाधान समय रहते बहुत ही आसानी से किया जा सकता है । लेकिन न जाने क्यों हर समस्या की शिकायत की जांच केवल औपचारिकता बनकर रह गई है। फिर वह चाहे किसी स्तर की समस्या निराकरण के लिए लगाई गई गुहार क्यों न हो। यही कारण है कि आयोजित तहसील समाधान दिवस में भी फरियादियों की संख्या, बजाए घटने के दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। यहां तक की बहुत से फरियादी तो न्याय न मिलने पर अपने भाग्य को कोसते हुए चुप बैठ जाते हैं । न्याय मिलना सही जांच ना होना समस्या के समाधान में बाधक बने हुए हैं। इसकी ओर यदि देखा जाए तो निचले स्तर पर की जा रही समस्या समाधान की जांच पर धन लोलुपता के साथ ही राजनीतिक प्रभाव का ग्रहण हावी हो रहा है ।

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ऐसे मेंभला न्याय की उम्मीद कैसे की जा सकती है। खैर जो भी हो किंतु लोकतंत्र में अन्याय के विरुद्ध और समस्या निष्पादन ना होने की स्थिति में आवाज तो उठती ही रहेगी और इसके समाधान की जिम्मेदारी भी प्रशासन और शासन की ही होती है । अब वह कितना सजग होकर जन सामान्य को न्याय उपलब्ध करा पाता है। यह तो देखना ही होगा। राशन की समस्या वैसे तो हर जगह से उठ रही है । लेकिन इसका एक ताजा उदाहरण आज उस समय सामने आया। जब तहसील क्षेत्र के गांव भटासा में संचालित आंगनवाड़ी केंद्र पर पहुंची मीडिया टीम ने वहां की पड़ताल की। तो सच्चाई सामने आई ।

उसके अनुसार पता चला कि इस केंद्र पर लगभग 150 से अधिक लाभार्थी हैं। लेकिन राशन जिसमें दाल दलिया रिफाइंड शामिल होता है। 53 पैकेट राशन प्राप्त हो रहा है। यह सामग्री गर्भवती तथा धात्री महिलाओं व 7 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों को दीकी जाती है। उसके अनुसार दो से तीन पैकेट चना ब दलिया 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए आता है और कम से कम खुराक के हिसाब से आधा किलो उपलब्ध कराने का नियम निर्धारित किया गया है।

लाभार्थियों की संख्या मिलने वाले राशन से अधिक होने के कारण यहां हमेशा ही विवाद की स्थिति बनी रहती है। आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका संगठन की जिला अध्यक्ष मधुबाला गंगवार से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि लाभार्थी अपने हक के अनुसार हर महीने पूरा राशन चाहता है। लेकिन उतना राशन प्रतिमाह न मिलने के कारण ही स्थिति विवाद ग्रस्त होती है, और ऐसे में लगातार आंगनबाड़ी की शिकायत यह कहकर कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों तथा सहायकाएं राशन चोर है, उन्हें राशन चोर तो ठहराया जाता है ।लेकिन इस शिकायत के पीछे का असली कारण ग्रामीण नहीं समझ पाते। उन्हें तो केवल अपने राशन से मतलब होता है ।जिसकी वह मांग करते हैं । लेकिन पूरा राशन न मिलने के कारण स्थिति विवादित बनी रहती है। संगठन अध्यक्ष ने मांग करते हुए कहा कि लाभार्थियों के अनुपात के अनुसार ही हर महीने पर्याप्त मात्रा में राशन उपलब्ध कराया जाना चाहिए। जिससे कि लाभार्थियों को उनका हक मिल सके और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों पर भी जाने अनजाने लगाए जाने वाले झूठे आरोपों पर रोक लग सके।
ब्यूरो रिपोर्ट = जयपाल सिंह यादव/ दानिश खान

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