Delhi news साभार : –
दिल्ली : – ( द एंड टाइम्स न्यूज )
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पहली बार चुनावी मैदान में उतरी हैं. उन्होंने आज 23 अक्टूबर को केरल की वायनाड लोकसभा सीट से अपना पर्चा दाखिल कर दिया.पर्चा दाखिल करने से पहले उन्होंने एक रोड शो किया, जिसमें उन्होंने कहा कि वो पिछले 35 साल से चुनाव प्रचार कर रही हैं. लेकिन पहली बार अपने लिए वोट मांग रही हैं.वहीं राहुल गांधी ने बहन के लिए प्रचार करते हुए कि वायनाड के अब दो सांसद हैं एक औपचारिक और एक अनौपचारिक ये सीट पहले उनके भाई राहुल गांधी के पास थी. उन्होंने दो लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ा था. वायनाड और रायबरेली. अब पार्टी ने उनकी बहन प्रियंका गांधी के चुनावी डेब्यू के लिए वायनाड सीट को चुना है.वायनाड सीट पर 13 नवंबर को वोटिंग होगी. मतगणना 23 नवंबर को होगी.राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी की उम्मीदवारी का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”वायनाड के लोगों के लिए मेरे दिल में खास जगह है. मैं उनके प्रतिनिधि के तौर पर अपनी बहन से बेहतर किसी उम्मीदवार की कल्पना नहीं कर सकता था. मुझे उम्मीद है वो वायनाड की ज़रूरतों के लिए जी-जान से काम करेंगी और संसद में एक मजबूत आवाज़ बन कर उभरेंगीं.”अगर प्रियंका गांधी जीतती हैं तो गांधी परिवार के मौजूदा तीनों सदस्य सांसद हो जाएंगे. राहुल गांधी ने लोकसभा के सदस्य हैं जबकि उनकी मां सोनिया गांधी राज्यसभा में हैं.
प्रियंका गांधी चुनाव जीतने के बाद लोकसभा की सदस्य बनेंगीं प्रियंका गांधी कांग्रेस की राजनीति में पर्दे के पीछे से तो काफी लंबे समय से सक्रिय रही हैं. 1990 के दशक के आख़िरी वर्षों से ही वो अपनी मां सोनिया गांधी के चुनाव अभियानों का जिम्मा संभालती रही हैं.इसके अलावा 2004 में जब उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से राहुल गांधी सक्रिय राजनीति में आए तो प्रियंका गांधी ने ही उनके लिए जोरदार जनसंपर्क अभियान चलाया था.लेकिन उन्होंने खुद को बैकग्राउंड में ही रखा. पहली बार उनकी राजनीति में आधिकारिक एंट्री 2019 को लोकसभा चुनाव से पहले हुई जब उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के चुनावी अभियान का प्रभारी बनाया गया. लेकिन कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिली थी.इसके बाद 2022 में यूपी के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी खराब रहा.तब उनके आलोचकों ने कहा था कि प्रियंका गांधी के तौर पर कांग्रेस का तुरूप का पत्ता चूक गया.2019 के जब प्रियंका गांधी को कांग्रेस महासचिव बनाया गया था तो ये चर्चा थी कि वो अपनी मां की पारंपरिक सीट रायबरेली से चुनाव लड़ सकती हैं. यहां तक कि उन्हें चुनाव में खड़े होने की अपील करते हुए पोस्टर भी लग गए थे. लेकिन उन्हें चुनाव मैदान में नहीं उतारा गया.सवाल उठता है कि आख़िर कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को चुनाव में अब उतारने का फैसला क्यों किया.कांग्रेस की राजनीति को समझने वाले विश्लेषकों का मानना है कि ये बिल्कुल सही समय था. कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया और वो संसद में काफी मुखर नज़र आ रही है.अगर प्रियंका भी लोकसभा पहुंचती हैं तो वह अपने भाई के साथ मिल कर मोदी सरकार को और अच्छी तरह से घेर सकती हैं. वायनाड उनके लिए आसान सीट साबित हो सकती है क्योंकि राहुल गांधी यहां काफी लोकप्रिय साबित हुए हैं.प्रियंका गांधी ने वायनाड के वोटरों से अपील करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा,” 1989 में मैंने 17 साल की उम्र में पहली बार अपने पिता के लिए चुनाव प्रचार किया था. इस बात को 35 साल हो गए हैं. इस दौरान मैंने अपनी मां, भाई और अपने कई सहकर्मियों के लिए अलग-अलग चुनावों में प्रचार किया. लेकिन ये पहली बार है जब अपना चुनाव प्रचार कर रही हूं.”
उन्होंने लिखा, ” मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी की दिल से आभारी हूं कि उन्होंने मुझे यूडीएफ का उम्मीदवार बनने का मौका दिया. वायनाड से पार्टी उम्मीदवार बनने में अपने परिवार के समर्थन के लिए भी मैं आभारी हूं. अगर आप मुझे अपना प्रतिनिधि बनाएंगे तो ये मेरे लिए सम्मान की बात होगीभारतीय मतदाताओं एक वर्ग में प्रियंका गांधी को पसंद भी किया जाता रहा है. लोग प्रियंका में उनकी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की झलक देखते हैं.उनका मानना है कि वो इंदिरा गांधी जैसी मज़बूत इच्छाशक्ति वाली महिला हैं और भारतीय राजनीति की चुनौतियों का बखूबी सामना कर सकती हैं.प्रियंका गांधी राहुल गांधी के उलट अपने पिता राजीव गांधी की राजनीतिक उत्तराधिकारी समझी जाती रही थीं. यहां तक कि आतंकवादी हमले में मारे गए उनके पिता के अंतिम संस्कार के दौरान भी लोग ये उम्मीद कर रहे थे कि प्रियंका ही कांग्रेस के नई नेता होंगीं.लेकिन इसके बाद प्रियंका गांधी सक्रिय राजनीति में नहीं उतरीं. पिता की मौत के बाद पहली बार प्रियंका गांधी सार्वजनिक तौर पर तब दिखीं, जब बिज़नेसमैन रॉबर्ट वाड्रा से उनकी शादी हो रही थी. ।
ब्यूरो चीफ जयपाल सिंह यादव दानिश खान
FARRUKHABAD NEWS KAIMGANJ NEWS
KAIMGANJ NEWS बरेली लेखपाल हत्याकांड से आक्रोशित लेखपाल संघ ने तहसील पहुंच कर केश की जांच सीबीआई से कराने तथा सुरक्षा की दृष्टि से शस्त्र लाइसेंस देने की पुरजोर मांग की
KAIMGANJ NEWS कायमगंज / फर्रुखाबाद बरेली लेखपाल हत्याकांड में लेखपाल संघ लामबंद हुआ। पदाधिकारियों ने[...]
Dec
FARRUKHABAD NEWS KAIMGANJ NEWS
KAIMGANJ NEWS असंतुलित हो गिरा ग्रामीण हालत गंभीर
KAIMGANJ NEWS कायमगंज / फर्रुखाबाद नगर के मोहल्ला चिलांका निवासी अनिल छत से गिरकर घायल[...]
Dec
FARRUKHABAD NEWS KAIMGANJ NEWS
KAIMGANJ NEWS सरकारी काम में बाधा : – कोर्ट सम्मन तामील कराने गांव पहुंचे कर्मचारी से गाली गलौज कर फाड़ डाला सम्मन – मौके से भगाया – दी मार डालने की धमकी
KAIMGANJ NEWS कायमगंज / फर्रुखाबाद तहसीलदार कोर्ट का तामीला लेकर बूढ़नपुर गांव में गए संग्रह[...]
Dec
FARRUKHABAD NEWS KAIMGANJ NEWS
KAIMGANJ NEWS नाली गली आम रास्ता चक मार्गो कृषि भूमि तथा प्लाटों पर अवैध कब्जे से परेशान अधिकांश पीड़ितों ने समाधान दिवस में पहुंच कर लगाई गुहार
KAIMGANJ NEWS – प्राप्त 133 शिकायतों में से 11 का हुआ निस्तारण कायमगंज /फर्रुखाबाद 21[...]
Dec
FARRUKHABAD NEWS UTTAR PRADESH
Farrukhabad news गुरु शिष्य की गरिमा कलंकित : – कक्षा चार की छात्रा से अश्लील हरकतें करने का सहायक अध्यापक पर लगा आरोप
Farrukhabad news कमालगंज / फर्रुखाबाद 21 दिसंबर 2024 भारत जैसे देश में जहां प्राचीन काल[...]
Dec
FARRUKHABAD NEWS UTTAR PRADESH
Farrukhabad news बृद्ध किसान की अज्ञात लोगों ने की गोली मारकर हत्या
Farrukhabad news नवाबगंज / फर्रुखाबाद 21 दिसंबर 2024 जनपद के थाना नवाबगंज क्षेत्र के गांव[...]
Dec
FARRUKHABAD NEWS KAIMGANJ NEWS
KAIMGANJ NEWS ननिहाल में रह रहे युवक भी अज्ञात वाहन की चपेट में आने से हुई मृत्यु
KAIMGANJ NEWS कायमगंज / फर्रुखाबाद जनपद कासगंज के थाना गंजडुंडवारा के गांव वरा निवासी 25[...]
Dec
FARRUKHABAD NEWS KAIMGANJ NEWS
KAIMGANJ NEWS सर्दी से ठिठुरते गरीबों को एसडीएम ने दिए कंबल
KAIMGANJ NEWS कायमगंज / फर्रुखाबाद सर्दी से राहत देने के लिए एसडीएम देर रात कायमगंज[...]
Dec