कायमगंज समाचार: गेट के बाहर इंतजार करते रहे बच्चे, समय से नहीं खुला स्कूल

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कायमगंज समाचार/ उत्तर प्रदेश समाचार

  • इस विद्यालय में कार्यरत शिक्षिका (शिक्षामित्र )कभी समय से आती ही नहीं, रोज का यही है आलम-कायमगंज / फर्रुखाबाद 25 नवंबर 20-22

सरकारी नियंत्रण वाले प्राथमिक तथा पूर्व माध्यमिक परिषदीय विद्यालयों का कायमगंज नगर क्षेत्र में हाल बहुत ही दयनीय है ।पूरे नगर में संविलियन की स्थिति के बावजूद भी 10 परिषदीय विद्यालय हैं।किंतु 2 – 3 विद्यालयों को छोड़कर बाकी सभी खस्ताहाल, जर्जर, किराए के भवनों में संचालित है। इससे बड़ी विडंबना यह है कि पूरे नगर क्षेत्र में केवल दो शिक्षक ही नियुक्त है। शिक्षकों के अभाव में विद्यालयों का शिक्षण कार्य से लेकर अन्य सामान्य कार्य शिक्षामित्रों तथा रसोइयों की भरोसे ही हो रहा है। खैर जो भी हो लेकिन जहां शिक्षामित्र ही विद्यालय की व्यवस्था संभाले हुए हैं । उन्हें तो समय से विद्यालय खोलकर प्रार्थना सभा के बाद शिक्षण कार्य प्रारंभ कर देना चाहिए ।

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लेकिन विडंबना आज फिर एक बार देखने को मिली। उसके अनुसार यहां के पूर्व माध्यमिक विद्यालय काजमखाँ का गेट 9:00 बज कर 20 मिनट तक बंद था। पढ़ने के लिए स्कूल आए बच्चे गेट बंद होने के कारण सकरी गली में दीवार का सहारा लिए खड़े शिक्षक के आने का इंतजार करते देखे जा रहे थे। वही कुछ बच्चे मोहल्ले की गली वाली सड़क पर गिल्ली डंडा खेल कर अपना समय व्यतीत कर रहे थे। बताया गया कि यहां अलका गंगवार शिक्षामित्र विद्यालय का शिक्षण कार्य तथा अन्य सामान्य कार्य करती हैं। मोहल्ले वालों का कहना है कि यह आज की बात नहीं है । अलका गंगवार लगभग हर रोज बहुत विलंब से स्कूल खोलने आती हैं। और बीच में कभी-कभी चली जाती हैं । इतना ही नहीं स्कूल बंद होने के समय 3:00 बजे से पहले भी ज्यादातर दिनों में यह समय से पहले स्कूल बंद कर देते हैं । समय से स्कूल न खुलने के कारण यहां आने वाले बच्चे बाहर गली में खड़े होकर या तो इंतजार करते हैं या बहुत से बच्चे मोहल्ले की गली वाली सड़क पर उछल कूद करते हुए खेलते हैं। इस सड़क से हर समय दो पहिया वाहन लोग तेजी से दौड़ाकर ले जाते हैं । मोहल्ले वालों ने कहा कि किसी न किसी दिन कोई बच्चा हादसे का शिकार भी हो सकता है। लेकिन शिक्षामित्र अलका गंगवार अपनी लेटलतीफी में सुधार नहीं करती है। बता दें कि नगर क्षेत्र में छात्र अनुपात की बात छोड़ दी जाए तो भी यहां केवल 2 शिक्षकों के भरोसे वास्तव में प्राइमरी और जूनियर मिलाकर तेरा विद्यालय शिक्षक विहीन हैं। इस दुर्दशा के लिए शिक्षक नहीं, वरन प्रशासन और शासन ही जिम्मेदार है। क्योंकि बिना शिक्षक के कभी शिक्षा का कार्य हो ही नहीं सकता, तो फिर नगर क्षेत्र के इन स्कूलों के लिए शिक्षकों की नियुक्त करने की जिम्मेदारी भी विभागीय उच्चाधिकारियों, प्रशासन तथा शासन की बनती है।
ब्यूरो रिपोर्ट= दानिश खान

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