ज्ञानवापी केस में उच्च न्यायालय ने दिए सर्वे में मिली शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने के आदेश , डेटिंग से चल जाएगा पता

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Prayagraj Uttar Pradesh samachar साभार:-

प्रयागराज/ उत्तर प्रदेश (दएंड टाइम्स न्यूज़)
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया है।कोर्ट ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराई जाए। कोर्ट ने जिला जज के उस आदेश को भी रद्द कर दिया, जिसमें उन्होंने कार्बन डेटिंग की मांग वाली अर्जी को खारिज कर दिया था। न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्रा की पीठ ने एएसआई की रिपोर्ट के आधार पर कथित शिवलिंग का साइंटिफिक सर्वे की जांच कराने का आदेश दे दिया। कोर्ट ने भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग से कहा कि शिवलिंग को बिना खंडित किए वैज्ञानिक जांच करें।
ज्ञानवापी विवाद को लेकर हिन्दू पक्ष का दावा है कि इसके नीचे 100 फीट ऊंचा आदि विश्वेश्वर का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है। काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण करीब 2050 साल पहले महाराजा विक्रमादित्य ने करवाया था, लेकिन मुगल सम्राट औरंगजेब ने साल 1664 में मंदिर को तुड़वा दिया।दावे में कहा गया है कि मस्जिद का निर्माण मंदिर को तोड़कर उसकी भूमि पर किया गया है जो कि अब ज्ञानवापी मस्जिद के रूप में जाना जाता है।याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि ज्ञानवापी परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कर यह पता लगाया जाए कि जमीन के अंदर का भाग मंदिर का अवशेष है या नहीं। साथ ही विवादित ढांचे का फर्श तोड़कर ये भी पता लगाया जाए कि 100 फीट ऊंचा ज्योतिर्लिंग स्वयंभू विश्वेश्वरनाथ भी वहां मौजूद हैं या नहीं,मस्जिद की दीवारों की भी जांच कर पता लगाया जाए कि ये मंदिर की हैं या नहीं। याचिकाकर्ता का दावा है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के अवशेषों से ही ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण हुआ था। इन्हीं दावों पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करते हुए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) की एक टीम बनाई। इस टीम को ज्ञानवापी परिसर का सर्वे करने के लिए कहा गया था।
बता दें कि ज्ञानवापी परिसर में कमीशन कार्यवाही की गई थी। इस दौरान 16 मई 2022 को ज्ञानवापी परिसर में कथित शिवलिंग पाया गया था,जिसका एएसआई से साइंटिफिक सर्वे कराए जाने की मांग को लेकर जिला अदालत वाराणसी में वाद दाखिल किया गया था।हालांकि जिला कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया है।मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट कर रही है।ऐसे में सिविल कोर्ट को आदेश पारित करने का अधिकार नहीं है।कार्बन डेटिंग में अगर शिवलिंगनुमा आकृति उस समय के आसपास पाई जाती है, तो यह बड़ी कामयाबी होगी।

ब्यूरो चीफ जयपाल सिंह यादव, दानिश खान

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