आरक्षित वर्ग के तुष्टीकरण का आरोप लगा, अनारक्षित समाज पार्टी ने सौंपा पाँच सूत्रीय ज्ञापन

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ब्यूरो रिपोर्ट
फर्रुखाबाद 14 जून 2022
अनारक्षित समाज पार्टी ने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित 5 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। जिसमें आरोप लगाते हुए कहा गया है किआपकी सरकार भी पूर्ववर्ती सरकारों की भांति वोट बैंक बनाने के लिये शिक्षा, रोजगार एवं विभन्न कल्याणकारी योजनाओं में जातीय व धार्मिक आधार पर भेदभाव को बढ़ावा देकर आरक्षित वर्ग के तुष्टीकरण में लगी हुयी है। जिससे अनारक्षित समाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है और उसके अन्दर विशेषतः नौजवानों में अत्यन्त रोष व्याप्त है। अतः हम निम्नलिखित प्रमुख बिन्दुओं पर आपका ध्यान आकृष्ट कराना चाहते हैं:-
1.धार्मिक स्थलों व मंदिरों पर सरकारी नियंत्रणः- सनातन धर्म के अधिकांश धार्मिक स्थल, मन्दिरों व ट्रस्टों पर सरकारी नियन्त्रण बना हुआ है ।जबकि अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों पर किसी प्रकार का कोई सरकारी नियन्त्रण नहीं है। यह देश के बहुसंख्यक सनातन धर्म अनुयायियों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है।
2. सवर्ण आयोग का गठनः- विभिन्न क्षेत्रों व वर्गों के लिए अनेक आयोगों का गठन किया जा चुका है ।किन्तु आपके द्वारा पूर्व में घोषणा किये जाने के उपरान्त भी आज तक सवर्ण आयोग का गठन नहीं किया गया। जो कि सर्वथा अनुचित व अन्यायपूर्ण है।
3. जातीय आरक्षण:- शिक्षा, नौकरी व सरकारी योजनाओं में वोट बैंक के राजनैतिक स्वार्थ पूर्ति के लिये न केवल निरन्तर जातीय आधार पर आरक्षण जारी है। वरन् अनेक जातियों को अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग में शामिल कराने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। जो कि अनारक्षित वर्ग की आधी से अधिक आबादी के साथ घोर अन्याय व अत्याचार है।
4. दलित एक्ट का दुरुपयोगः- आपको स्मरण होगा कि इस कानून को माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में गिरफ्तारी से पूर्व जांच किये जाने का निर्णय दिया था। किन्तु आपकी पार्टी की केन्द्र सरकार ने वोट बैंक की खातिर संसद में उक्त आदेश को पलट दिया। जिसके कारण देश की लगभग 75 प्रतिशत आवादी इस कानून के दुरुपयोग के माध्यम से उत्पीढ़न व शोषण का दंश झेलने को विवश है। विभिन्न उच्च न्यायालयों व सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कई बार इस कानून के दुरुपयोग के सम्बन्ध में स्पष्ट रूप से टिप्पढ़ियां की जा चुकीं है ,कि लगभग 80 प्रतिशत से अधिक मामले झूठे व फर्जी पाये गये हैं।
5. परशुराम जयन्ती पर सार्वजनिक अवकाश:- आपकी सरकार द्वारा अकारण ही भगवान परशुराम जी की जयन्ती पर होने वाले सार्वजनिक अवकाश को निरस्त कर दिया गया। जबकि विभिन्न जाति धर्मों के महापुरूषों के जन्म व निर्वाण दिवस पर अवकाश की पूरी श्रृंखला जारी है। आपके इस निर्णय से भगवान परशुराम जी के अनुयायियों की भावनायेंअत्यन्त आहत हुयी हैं। उपरोक्त महत्वपूर्ण बिन्दुओं के सम्बन्ध में हमारी मांगे निम्नलिखित है:-
-1. सनातन धर्म के सभी धार्मिक स्थलों को सरकारी नियन्त्रण से पूर्णतः मुक्त कराया जाये।
2. पूर्णतः सशक्त सवर्ण आयोग का तत्काल गठन किया जाये।
3. विभिन्न क्षेत्रों में जातीय आधार पर आरक्षण को समाप्त कर बिना किसी भेदभाव के सभीजाति, धर्म, वर्ग एवं सम्प्रदाय के गरीबों व जरूरतमन्दो को प्रदान किया जाये।
4. दलित एक्ट के अन्तर्गत संशोधन कर बिना जांच गिरफ्तारी पर पूर्व की भांति रोक लगायी जाये।
5. भगवान परशुराम जी की जयन्ती के उपलब्ध में सार्वजनिक अवकाश की तत्काल घोषणा की जाये। अनारक्षित समाज पार्टी नेअपनी मांगों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शीघ्र समय रहते विचार कर पूरा किए जाने की मांग की है। इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश अग्निहोत्री एवं राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन रस्तोगी सहित काफी संख्या में पार्टी पदाधिकारी तथा सदस्यगण उपस्थित रहे।

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