– पिछली 10 वर्षों में ही बहुजन समाज पार्टी का वोट प्रतिशत लगातार गिरावट की ओर ही अग्रसर होता जा रहा है- आखिर क्यों ?
लखनऊ -उत्तर प्रदेश / मार्च 2022
पांच राज्यों के साथ ही उत्तर प्रदेश में भी अब चुनावी द्वंद समाप्त हो चुका है। मतगणना के बाद स्पष्ट हो चुका है कि भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने के लिए जितनी सीटों की आवश्यकता होती है। उससे ज्यादा जीते हुए विधायकों की पार्टी के रूप में लगातार दूसरी बार 2022 में अपनी सरकार बनाने के लिए बहुमत जुटा चुकी है । चुनाव नतीजों के तुरंत बाद से ही किस पार्टी का प्रदेश में क्या जनाधार है। साफ हो चुका है। बात करें बसपा की तो बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक मान्यवर कांशीराम एक बहुत बड़े सामाजिक विश्लेषक के रूप में पहचाने जाते थे । जिन्होंने दलितों वंचितों शोषित के लिए सामाजिक न्याय समता स्थापित करने के लिए डी एस फोर संगठन अपनी कड़ी मेहनत के साथ खड़ा किया था । और यहीं से एक- एक कड़ी जोड़ कर पूरे देश में बे शोषितों की आवाज बन कर आगे बढ़े । बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की वैचारिक नीति को आगे रखकर उन्होंने पूरे प्रदेश में जब मजबूती से अपना संगठन खड़ा कर लिया । फिर उन्होंने बहुजन समाज पार्टी की स्थापना कर सीधे राजनीति में कदम रखा। कुछ बार सीधे चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा ।लेकिन इससे बे अपने वोट प्रतिशत का आंकलन करते रहे। धीरे- धीरे मान्यवर कांशीराम की वैचारिक शक्ति से प्रभावित होकर दलित शोषित समाज उन्हें अपना नेता मानने लगा। तब जाकर बीएसपी एक जनाधार वाली राजनीतिक पार्टी के रूप में पूरी ताकत के साथ उभर कर राजनीतिक पटल पर आई। दूसरे दलों से समझौता करके सत्ता में भागीदारी की, किंतु तीन बार भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से सरकार का नेतृत्व बसपा प्रमुख मायावती ने हीं किया।
फिर ओबीसी के कद्दावर चेहरा स्वामी प्रसाद मौर्य तथा अल्पसंख्यक वर्ग के नसीमुद्दीन सिद्दीकी जैसे कई पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक समाज से आने वाले नेताओं के साथ आने पर वर्ष 2007 में पूर्ण बहुमत के साथ बहुजन समाज पार्टी उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार बनाने में कामयाब भी हुई थी। कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर जनता ने भरोसा करते हुए बीएसपी को उस बार भरपूर समर्थन भी दिया।बीएसपी इसके बाद मायावती के नेतृत्व में लगातार अपना जनाधार खोती चली गई । आज वर्ष 2022 तक इस स्थिति में आ गई कि रसड़ा विधानसभा सीट के अलावा पूरे उत्तर प्रदेश में कहीं भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी । बीएसपी का कोर बोट माने जाने वाला दलित समाज ही अब धीरे-धीरे किनारा कर चला है। जो कभी पार्टी का मजबूत आधार हुआ करता था।
बीएसपी की राजनीतिक फलक से लगातार गिरावट के तथ्यों पर एक नजर:- मान्यवर कांशीराम के समय से ही मिशनरी के लिए समर्पित रहे जनपद इटावा के पूर्व विधायक मोहरसिंह अंबाडी का इस संबंध में कहना कि -मान्यवर कांशीराम कहते थे =कि सरकार बने या ना बने, राजनीत चले या न चले ,सामाजिक परिवर्तन की गति नहीं रुकनी चाहिए, किसी भी कीमत पर= इस सिद्धांत की विचारधारा को बसपा ने सत्ता के लालच में छोड़ दिया। जिससे उसका कोर बोट धीरे धीरे उससे दूर होने लगा।
= वही किसी भी संगठन संस्था या किसी दूसरे संस्थान को चलाने के लिए अनुशासन अत्यावश्यक होता है। किंतु अनुशासन के नाम पर अपने वरिष्ठों का या मिशन के लिए पूर्ण रूप से समर्पित रहे व्यक्तियों की उपेक्षा भी उतनी ही घातक होती है । जितनी की अनुशासनहीनता। उपेक्षा के कारण समर्पित कार्यकर्ता दूरी बनाने लगे। और वह अपनी राजनैतिक जगह बसपा के स्थान पर दूसरे दलों में तलाशने को विवश हुए, या फिर तटस्थ होकर दूरी बनाते हुए शांत हो गए। जिससे बसपा को धीरे- धीरे नुकसान होना शुरू हो गया था।
– मुस्लिम मतदाताओं के प्रति भले ही बसपा कुछ भी सोचे लेकिन मुस्लिम मतदाता जो बसपा के अस्तित्व में आने से पहले भी मतदान करता था । उसने 2007 तक पार्टी का काफी अच्छे ढंग से समर्थन किया । किंतु जब उसने बसपा का भाजपा मोह या अप्रत्यक्ष रूप से दबाव जैसे कारण देखें तो उसका भी पार्टी से लगाव कम हो गया , और 2022 तक अल्पसंख्यक वर्ग बसपा को छोड़ पूरी तरह सपा पर भरोसा जताकर उसके पाले में चला गया।
– निरंतर उपेक्षा से आहत हो दिग्गज नेताओं का पार्टी से पलायन भी बहुजन समाज पार्टी के लिए काफी हद तक वोट प्रतिशत में गिरावट का बहुत बड़ा कारण माना जा सकता है:- क्योंकि पार्टी से स्वामी प्रसाद मौर्य, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर , के के गौतम, दद्दू प्रसाद ,लालजी वर्मा ,सुनील चित्तौड़ जैसे लगभग एक सैकड़ा के करीब दिग्गज राजनीतिज्ञ पार्टी छोड़कर जाते रहे। समय रहते पार्टी ने इस ओर ध्यान देना तक उचित नहीं समझा। यह वही नेता थे ,जिनके आने के बाद एससी -एसटी तथा ओबीसी वर्ग से आने वाले जाति समूह को इन्हीं नेताओं ने मान्यवर कांशीराम की नीतियों से प्रभावित होकर जोड़ने का काम किया था। उनके पार्टी से जाने या फिर अनुशासनहीनता के नाम पर तानाशाही तर्ज पर ऐसे नेताओं को पार्टी से बाहर करने जैसे अनेक कारण ही आज उस राजनीतिक दल बीएसपी जिसकी स्थापना महान सामाजिक विश्लेषक मान्यवर कांशी राम ने सामाजिक परिवर्तन की गति को निरंतर प्रवाहित रखने के लिए किया था। एक अच्छे स्थान पर पहुंचने के बाद आज पूरे प्रदेश में अपने अस्तित्व पर लगे गृहण को देखने के लिए विवश होती नजर आ रही है। जैसे कारणों व अन्य बातों के चलते ही उसका वोट प्रतिशत 30 से घटकर अब बमुश्किल 12% पर आ चुका है । इसकी गिरावट का क्रम भविष्य में रुकेगा या फिर जारी रहेगा ? यह कहना अभी जल्दबाजी होगी ।
ब्यूरो रिपोर्ट संपादकीय
World News
World News:-स्पेन में आई विनाशकारी बाढ़ से हुई बहुत अधिक जन -धन की हाँनि
Nov
FARRUKHABAD NEWS KAIMGANJ NEWS
KAIMGANJ NEWS भट्टा मजदूर परिवारों के साथ दीपावली मना बांटी खुशियां
KAIMGANJ-NEWS छुड़ाई आतिशवाजी खिलाईं मिठाईयां कायमगंज / फर्रुखाबाद वास्तव में यदि देखा और मानवीय दृष्टिकोंण[...]
Oct
FARRUKHABAD NEWS KAIMGANJ NEWS
KAIMGANJ NEWS धनतेरस पर सजा बाजार उमड़ी भीड़ -बढ़ी रौनक
KAIMGANJ NEWS -बर्तन सोना चांदी मिष्ठान वस्त्र आदि की सजी धजी दुकानों पर ग्राहकों का[...]
Oct
FARRUKHABAD NEWS UTTAR PRADESH
Farrukhabad news शहीद जवान की विधवा तथा माता पिता को भेंट की पचास लाख अनुग्रह राशि
Farrukhabad news फर्रुरवाबाद : -29 अक्टूबर024 25.10.2024 को कुलगाम, जम्मू कश्मीर में बैटल एक्सीडेन्ट में[...]
Oct
FARRUKHABAD NEWS KAIMGANJ NEWS
KAIMGANJ NEWS दीप सजाओ सहित विभिन्न प्रतियोगियताओं का शिक्षण संस्थान में हुआ आयोजन
शकुन्तला देवी शिक्षण संस्थान कायमगंज में रंगोली, पोस्टर बनाओ एवं दीपक सजाओ प्रतियोगिता का आयोजन[...]
Oct
FARRUKHABAD NEWS KAIMGANJ NEWS
KAIMGANJ NEWS शक्ति व युक्ति के महारथी लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की मनाई जयंती – किए श्रद्धा सुमन अर्पित
KAIMGANJ NEWS – वक्ताओं ने उन्हें देशी रियासतों का एकीकरण कर संघ का रुप देने[...]
Oct
DELHI NEWS
Delhi news दी गई चेतावनी के अनुसार ईरान हमले के जबाव में इसराइल ने फिर बरसाए ईरान पर गोले
Delhi news – जबकि ओआईसी ने इसराइल हमले को अन्तर्राष्ट्रीय कानून का उल्घंन बताया साभार[...]
Oct
FARRUKHABAD NEWS KAIMGANJ NEWS
KAIMGANJ NEWS जाम में फसे निजी वाहन में ही दिया प्रसूता ने शिशु को जन्म
KAIMGANJ NEWS- आशा तथा प्रसूता के परिजनों की घोर लापरवाही से समय पर अस्पताल नहीं[...]
Oct